जूते का व्यक्ति के जीवन में सदियों से विशेष महत्व है ! जूता जहाँ पहने के काम आता है !राम वनवास के दौरान भरत को राम के खडाऊ के सहारे ही राज चलाया था ! आज कल जूता खूब चर्चा में है और अपने जलवे से व्यक्ति को सोचने पर मजबूर करता है ! जो काम किसी बड़े आन्दोलन से व अधिकारियो से फरियाद करने पर भी नहीं हो सका वो जूते ने कर दिखाया!
बात २२ अगस्त कि है ! हरियाणा के महेंद्रगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हूडा के सम्मान में विधायक व मुख्य संसदीय सचिव राव दानसिंह ने सम्मान रैली का आयोजन किया था !इस रैली में मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने की राजपूत सभा ने घोषणा कि थी! प्रशासन ने रैली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किये! मिडिया के लोगो को भी काफी जाँच पड़ताल से दो चार होना पड़ा ! रैली ठीक ठाक चल रही थी परन्तु जब हूडा बोलने लगे तो पब्लिक की तरफ से एक जूता उछाला और सीएम के सुरक्षा चक्र में जा गिरा ! इसी के साथ ही पांच महिलाये भी काले कपडे को लहरा कर खड़ी हो गयी! मिडिया के कमरे उधर घूम गए ! रैली में एकबार व्यवधान भी पड़ा और राव दानसिंह ने सीएम से माइक लेकर जनता से शांति बनाये रखने की अपील की ! पुलिस ने तुरंत उक्त युवक को घेर लिया व काबू कर लिया !
बाद में युवक की पहचान सीएम के गृह जिले रोहतक के गाँव बनियानी के शक्ति सिंह के रूप में हुई !शक्ति सिंह ने यह कदम सरकार की बेरूखी से तंग आकर उठाया ! गाँव में किसी घटना में पुलिस की गोली शक्ति सिंह को पेट में लगी थी उस समय सरकार ने मुआवजे का आश्वासन दिया था ! वही दूसरी तरफ राजपूत नेता कुछ मुद्दों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलनरत थे ! राजपूत समाज के लोगो का आरोप था की सरकार उनके साथ अन्याय हो रहा है ! उनकी कुछेक मांगों का जिक्र जरूरी है! महेंद्रगढ़ के गाँव पाठेदा के राजपूत समाज की महिला के बलात्कार के दोषियों की लगभग तीन महीने से गिरफ्तारी नहीं हुई ,दूसरा शक्ति सिंह को मुआवजा व नावा गाँव में गोलीकांड के दोषियों को पुलिस बचा रही है! सीएम ने बाद में कारन जाने व करवाई के आदेश दिए !
बेचेत हुआ प्रशासन चेता और कारवाही में लगा ! एक सप्ताह के अंदर बलात्कारी को पकड़ लिया गया !
अब बात आती है की जो काम पिछले तीन महीने से नहीं हुआ उसे पुलिस ने एक सप्ताह में कैसे कर दिखाया ! कारण साफ है प्रशासन सो रहा था ! सरकार के लोग सत्ता सुख में मोज ले रहे थे ! जनता परेशान होकर अधिकारियो के चक्कर लगाती रही ! सरकार व प्रशासन की नींद जूते ने खोल दी ! लोगो ने जूते को विरोध के नए तरीके के रूप में लिया है ! जूते के जलवे ने वो काम कर दिया जो पिछले काफी समय से नहीं हो पाया था !
phatkar
शनिवार, 4 सितंबर 2010
अपनी बात
मित्रों
ब्लॉग में काफी समय से कुछ भी न लिख सका जिसका मुझे अफसोस है ! कुछ निजी कारणों कि वजह से मै ब्लॉग से दूर रहा जिस कारण काफी दोस्तों ने भी शिकायत की ! अब मै नियमित रूप से अपनी बात आप तक पहुचाता रहूँगा और आप से उम्मीद करता हूँ कि सुझाव व विचार व्यक्त करके मुझे उत्साहित करते रहे! फटकार पर देश के हालातो के बारे में चर्चा जारी रहेगी.......................................................!
ब्लॉग में काफी समय से कुछ भी न लिख सका जिसका मुझे अफसोस है ! कुछ निजी कारणों कि वजह से मै ब्लॉग से दूर रहा जिस कारण काफी दोस्तों ने भी शिकायत की ! अब मै नियमित रूप से अपनी बात आप तक पहुचाता रहूँगा और आप से उम्मीद करता हूँ कि सुझाव व विचार व्यक्त करके मुझे उत्साहित करते रहे! फटकार पर देश के हालातो के बारे में चर्चा जारी रहेगी.......................................................!
शनिवार, 5 सितंबर 2009
प्रहार होता रहेगा
मित्रों,
आज देश में हालात बद से बदतर हो गये है परिस्थितीया विपरीत है बेरोजगारी ,भुखमरी,गरीबी ,आतंकवाद ,तानाशाही ,जमाखोरी ,महंगाई,भ्रष्ट्राचार व अवसरवादिता चरम पर है नैतिकता का ह्रास हो रहा है , मूल्य और नैतिकता बेमानी हो गये है देश दिन बदिन गर्त में जाता जा रहा है सोने की चिडिया कहेजाने वाले देश में लोग भूखे मर रहे है
महात्मा गाँधी,नेहरू, सुभाषचन्द बोस ,सरदार पटेल,भगतसिंह जैसे बलिदानी नेताओ की जगह घोटालेबाज व अवसरवादी नेताओ ने ले ली है जिनका मकसद सिर्फ़ और सिर्फ़ कुर्सी है नैतिकता और देशहित जिनके लिए बीते ज़माने की बाते हो चुकी है आये दिन सामने आ रहे घोटाले नेताओ की पोल खोल रहे है, वही संसद में नोट लहराकर ये सफेदपोस नैतिक पतन का उदाहरण दे रहे है देश की वर्तमान हालात के जिम्मेदार राजनेता ही है फटकारमें देश के मौजूदा हालात के बारे में चर्चा व जिम्मेदार लोगों पर प्रहार होता रहेगा
आज देश में हालात बद से बदतर हो गये है परिस्थितीया विपरीत है बेरोजगारी ,भुखमरी,गरीबी ,आतंकवाद ,तानाशाही ,जमाखोरी ,महंगाई,भ्रष्ट्राचार व अवसरवादिता चरम पर है नैतिकता का ह्रास हो रहा है , मूल्य और नैतिकता बेमानी हो गये है देश दिन बदिन गर्त में जाता जा रहा है सोने की चिडिया कहेजाने वाले देश में लोग भूखे मर रहे है
महात्मा गाँधी,नेहरू, सुभाषचन्द बोस ,सरदार पटेल,भगतसिंह जैसे बलिदानी नेताओ की जगह घोटालेबाज व अवसरवादी नेताओ ने ले ली है जिनका मकसद सिर्फ़ और सिर्फ़ कुर्सी है नैतिकता और देशहित जिनके लिए बीते ज़माने की बाते हो चुकी है आये दिन सामने आ रहे घोटाले नेताओ की पोल खोल रहे है, वही संसद में नोट लहराकर ये सफेदपोस नैतिक पतन का उदाहरण दे रहे है देश की वर्तमान हालात के जिम्मेदार राजनेता ही है फटकारमें देश के मौजूदा हालात के बारे में चर्चा व जिम्मेदार लोगों पर प्रहार होता रहेगा
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