शनिवार, 5 सितंबर 2009

प्रहार होता रहेगा

मित्रों,
आज देश में हालात बद से बदतर हो गये है परिस्थितीया विपरीत है बेरोजगारी ,भुखमरी,गरीबी ,आतंकवाद ,तानाशाही ,जमाखोरी ,महंगाई,भ्रष्ट्राचार व अवसरवादिता चरम पर है नैतिकता का ह्रास हो रहा है , मूल्य और नैतिकता बेमानी हो गये है देश दिन बदिन गर्त में जाता जा रहा है सोने की चिडिया कहेजाने वाले देश में लोग भूखे मर रहे है
महात्मा गाँधी,नेहरू, सुभाषचन्द बोस ,सरदार पटेल,भगतसिंह जैसे बलिदानी नेताओ की जगह घोटालेबाज व अवसरवादी नेताओ ने ले ली है जिनका मकसद सिर्फ़ और सिर्फ़ कुर्सी है नैतिकता और देशहित जिनके लिए बीते ज़माने की बाते हो चुकी है आये दिन सामने आ रहे घोटाले नेताओ की पोल खोल रहे है, वही संसद में नोट लहराकर ये सफेदपोस नैतिक पतन का उदाहरण दे रहे है देश की वर्तमान हालात के जिम्मेदार राजनेता ही है फटकारमें देश के मौजूदा हालात के बारे में चर्चा व जिम्मेदार लोगों पर प्रहार होता रहेगा

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